कोरोना काल में सभी तरह के कारोबार और कंपनियों ने जो मंदी की मार झेली है, वो किसी से छिपी हुई नहीं, लेकिन इस दौर के दो साल बाद जो रिपोर्ट आ रही है, वो जरूर चौंकाने वाली है। इसमें दावा है कि बेरोजगारी दर मई में कम होकर 7.12 फीसदी रह गई है और अप्रैल में यह 7.82 फीसदी थी। यही नहीं मई में 10 लाख लोगों को रोजगार मिलने से बेरोजगारी दर में गिरावट आई है। दूसरी ओर देश में कुल रोजगार की संख्या बढ़कर 40.4 करोड़ पहुंच गई है।
जानकारी के मुताबिक सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकनॉमी यानि कि सीएमआईई ने इस रिपोर्ट में कहा है कि यह लगातार दूसरा महीना है, जब रोजगार और इसके मौके बढ़े हैं। अप्रैल में रोजगार मिलने की दर 37.05 % थी, जो मई में बढ़कर 37.07 फीसदी हो गई। इस रिपोर्ट के मुताबिक खरीफ सीजन शुरू होने से कृषि क्षेत्र में कामगारों की मांग बढ़ने से बेरोजगारी में और कमी आएगी। पिछले दो महीने से कृषि क्षेत्र के कामगारों का उद्योग और सेवा क्षेत्र में स्थानांतरण हो रहा है। इससे मई में कृषि में रोजगार 96 लाख घट गया। अप्रैल में 52 लाख व मई में 96 लाख घट गया।
दूसरी ओर उद्योग क्षेत्र में पिछले दो महीने में 1.56 करोड़ रोजगार मिलने जबकि सेवा क्षेत्र में 72 लाख लोगों को काम के दावे किए गए हैं। सीएमआईई ने कहा कि उद्योग और सेवा क्षेत्र कृषि की तुलना में अधिक उत्पादक के रूप में श्रम का उपयोग करते हैं। इसलिए इसमें हालिया परिवर्तन तेजी से हुआ है और कृषि क्षेत्र में गिरावट आई है।
इसी तरह विनिर्माण क्षेत्र में अप्रैल और मई में कुल 54 लाख रोजगार मिले। इससे क्षेत्र में रोजगार की कुल संख्या बढ़कर 3.4 करोड़ हो गई है। यह कोरोना के बाद सबसे ज्यादा है, लेकिन अक्तूबर-दिसंबर, 2019 के 4 करोड़ की तुलना में करीब 60 लाख कम है। निर्माण क्षेत्र में एक लाख की बढ़ोतरी के साथ रोजगार की कुल संख्या 7.2 करोड़ हो गई। यह क्षेत्र में लंबे समय बाद सबसे ज्यादा है।