सामने आया कांग्रेस का भीतरी घमासान!
गांधी परिवार कांग्रेस में हाईकमांड है। किसी लोकतांत्रिक व्यवस्था में क्या एक परिवार का किसी राजनीतिक पार्टी पर एकाधिकार होना चाहिए? यह एक अलग सवाल है लेकिन कांग्रेस के भीतर चल रहा घमासान अब सामने आने लगा है। शुक्रवार को कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है। इस्तीफे के रूप में पांच पेज की जो चिट्ठी उन्होंने सोनिया गांधी को लिखी है, उसमें उन्होंने जमकर मन की भड़ास निकाली है।
ये भी पढ़ेः पंजाब के मुख्यमंत्री की शादी, जानिए कौन हैं उनकी पत्नी!
राहुल गांधी के सिर फोड़ा कांग्रेस की खस्ता हालत का ठीकरा
इस पत्र में उन्होंने कांग्रेस की खस्ता हालत और 2014 में हार का ठीकरा राहुल गांधी के सिर फोड़ा है। यहां तक कि आध्यादेश फाड़ने को बचकाना हरकत कहा है। सवाल यह भी उठ रहे हैं कि वो इतनी देर तक चुप क्यों रहे। तो बात यह है कि राजनीति में मौके देखे जाते हैं। इसका एक अपना चरित्र है और यह अपने हिसाब से ही चलती है। जो भी हो गुलाम नबी के इस कदम ने कई सवाल तो खड़े किए ही हैं, कांग्रेस के सामने भी चुनौती खड़ी कर दी है।
उधर, आजाद के इस्तीफे पर कांग्रेस नेता हाय-तौबा मचा रहे हैं।उनका कहना है कि आजाद ने पार्टी छोड़ने का गलत समय चुना है। पार्टी के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश, अजय माकन ने आजाद के पार्टी छोड़ने के अफसोसनाक बयाया है।
पीएम मोदी की सुरक्षा में चूक पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई, एसएसपी को ठहराया जिम्मेदार
आजाद ने अपने पत्र में सोनिया गांधी को यह भी लिखा है कि जनवरी 2013 में राहुल गांधी को आपके द्वारा कांग्रेस उपाध्यक्ष बनाया गया, उसके बाद पार्टी में मौजूद सलाह-मशविरे के सिस्टम को उन्होंने खत्म कर दिया। सभी वरिष्ठ और अनुभवी नेताओं को साइडलाइन कर दिया गया और बिना अनुभव वाले चाटुकारों की मंडली पार्टी को चलाने लगी। 2024 के चुनाव ज्यादा दूर नहीं हैं। कांग्रेस को पार्टी के अंदर हो रही ऐसी गतिविधियों का खामियाजा भी भुगतना पड़ सकता है।
आजाद के इस्तीफा देने पर अब सवाल यह भी होने लगे हैं कि उम्र के इस पड़ाव पर पार्टी से अलग होकर क्या वह सक्रिय राजनीति में बने रहना संभव होगा? नजर अगर 2024 के चुनावों पर रखें तो जानकारों का मानना है कि बीजेपी को भी जम्मू-कश्मीर में चेहरे की तलाश थी। भाजपा इसका फायदा ले सकती है।
सूत्रों के हवाले से यह बात भी सामने आ रही है कि कांग्रेस छोड़ने के बाद गुलाम नबी आजाद नई पार्टी भी बना सकते हैं।
Punjab Election: पीएम मोदी से मिले नामधारी समुदाय के प्रमुख सतगुरु उदय सिंह